Monkey Pox Virus क्या है?

1. हमें भोजन के तुरंत बाद ब्रश करना चाहिए या नहीं?

● हर बार भोजन करने के फौरन बाद ब्रश करने से दांतों की सबसे बाहरी परत को नुकसान पहुँचता है। इस परत को इनेमल कहते हैं। ये दांतों का सुरक्षा कवच है और शरीर की हड्डी से भी ज्यादा मजबूत होती है।


● अगर भोजन करने के बाद ब्रश करते हैं तो दांतों में घर्षण हो सकता है, यानी दांतों को सुरक्षा प्रदान करने वाली मजबूत परत खत्म हो सकती है और भविष्य में डेंटल सेंसिटिविटी(दांतों में झनझनाहट की समस्या) हो सकती है।

● मुँह में लार का सामान्य पीएच प्राप्त करने के लिए भोजन के बाद कम से कम 30 से 60 मिनट इंतजार करें, उसके बाद ब्रश करें।

2. क्या स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों का दर्द कम होता है?

● स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों के दर्द में थोड़ा आराम मिल सकता है लेकिन दर्द पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता। स्ट्रेचिंग केवल मांसपेशियों को आराम देने के लिए जरूरी नहीं है बल्कि खेल-कूद सम्बन्धित कोई भी गतिविधि करने से पहले और बाद में स्ट्रेचिंग करने से शरीर और मांसपेशियों दोनों को तनाव मुक्त करने में मदद मिलती है।



● स्ट्रेचिंग मांसपेशियों में अलग-अलग जगह रक्त के संचार को बढ़ाती है जिससे अंगों को पोषण अच्छी तरह से मिलता है। दूसरा,मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है। 

● स्ट्रेचिंग करने से हड्डियों के जोड़ के कार्य में भी सुधार होता है इसलिए नियमित स्ट्रेचिंग करते रहना चाहिए। ध्यान रहे,वार्म-अप करने के बाद ही स्ट्रेचिंग करें।

3. Monkey Pox Virus क्या है?

आजकल कई देशों में मंकीपॉक्स बिमारी के केस आ रहे हैं। इस रोग संक्रमण सबसे पहले त्वचा पर दिखाई पड़ता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा रहता है। मंकीपॉक्स के कारण और बचाव के बारे में जानने से पहले हमें सबसे पहले यह जानना होगा कि मंकीपॉक्स बीमारी है क्या? आइए जानते हैं...


मंकीपॉक्स बीमारी क्या है?
मंकीपॉक्स वायरस जनित संक्रामक बीमारी है। संक्रमण के बाद चेहरे पर लाल दाने नजर आते हैं। यह दाने हाथों,बाहों तक फैल जाते हैं। एक या 2 दिन के बाद इनमें मवाद भर जाता है। यह फफोले त्वचा पर गहरे और धब्बेदार निशान छोड़ देते हैं।

मंकीपॉक्स की बीमारी कैसे फैलती है?
एक्सपर्ट के अनुसार मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। यह वायरस मरीज के नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। बंदर, कुत्ते और गिलहरी से भी या बीमारी फैल सकती है। संक्रमित व्यक्ति के खून से भी यह बीमारी पहनती है।

मंकीपॉक्स बीमारी के लक्षण क्या है?
मंकीपॉक्स बीमारी के शुरुआती लक्षण ब्लू जैसे होते हैं। इनमें बुखार,सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द,कमर दर्द, कभी आना थकान और सूजी हुई गांठे शामिल हैं। संक्रमण के दौरान याद दाने कई बदलावों से गुजरते हैं और आखिर में पपड़ी बनकर गिर जाते हैं।

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय क्या है?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स का फिलहाल कोई सटीक इलाज अभी तक मौजूद नहीं है। सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क का इस्तेमाल, साफ सफाई का ध्यान रखने से इस संक्रमण से बचा जा सकता है। एंटीबायोटिक लेने से अमूमन संक्रमित 1 सप्ताह में ठीक हो जाता है लेकिन कुछ लोगों में यह बीमारी बहुत गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है।

क्या चेचक का टीका मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए कारगर साबित हो सकता है?
चेचक का टीका 50% कारगर साबित होता है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (एफडीए) ने 2019 में जिनियोस नाम की वैक्सिंग को मंजूरी दी थी। इसे यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने 2013 में ही मंजूर कर दिया था। हालांकि, वैक्सीन को 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर ही इस्तेमाल किया जा सकता है।

मंकीपॉक्स के केस आना कितनी चिंता की बात है?
दुनिया में लगभग सभी देशों में कोरोना के प्रतिबंध खत्म हो चुके हैं।अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के कारण आवाजाही बढ़ गई है। ऐसे में अफ्रीका के बाद ब्रिटेन से यह संक्रमण और अमेरिका में भी पहुंच चुका ह बहरहाल  भारत में अभी कोई मामला सामने नहीं आया है। सतर्कता बरतने में ही पहली बचाव है।



अँउर न मँउर, बिन फोकला के चउँर ।
उत्तर:- मउहा

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