क्या कारण है कि मधुमक्खी के काटने से हमें ज्यादा दर्द होता है बल्कि इंजेक्शन लगाने से नहीं?

Amazing Facts :-

1. क्या मच्छर काटने के दौरान हमारे शरीर पर पेशाब भी करते है?

आप सभी याह जानते हैं कि मच्छर हमें काटते हैं और काटकर हमारा खून भी चूसते हैं, लेकिन एक बात जो हम नहीं जानते वह यह है कि मच्छर काटने के दौरान मच्छर हमारे शरीर पर पेशाब भी करते हैं। दरअसल दोस्तों एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि जितने भी खून चूसने वाले इंसेक्ट होते हैं, वह केवल खून ही नहीं चूसते हैं बल्कि खून चूसने के दौरान हमारी शरीर पर पेशाब भी करते हैं। इस प्रोसेस को प्रीयूरिनेशन ( Preurination ) के नाम से जाना जाता है।



दरअसल दोस्तों मच्छर हमारे शरीर से न्यूट्रिशन पाने के लिए खून चूसता है, लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे खून में न्यूट्रिशन (nutrition ) के अलावा बहुत बड़ी मात्रा में नमक ( salt ) भी होता है। और मच्छर के खून चूसने के दौरान खून के साथ सॉल्ट भी उसके शरीर में जाता है जिसे मच्छर तुरंत ही अपने शरीर से यूरिन के थ्रू बाहर कर देता है।  जिससे वह ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हमारे शरीर से न्यूट्रिशन को ग्रहण कर सके। और यही वह सबसे बड़ा कारण है जिसके कारण मच्छर खून चूसने के दौरान हमारे शरीर पर पेशाब करते हैं।

2. क्या कारण है कि मधुमक्खी के काटने से हमें ज्यादा दर्द होता है बल्कि इंजेक्शन लगाने से नहीं?

दोस्तों आपने भी यह कभी ना कभी तो सोचा होगा कि मधुमक्खी के काटने से हमारे शरीर को ज्यादा दर्द होता है, बल्कि इंजेक्शन लगाने से उतना दर्द नहीं होता लेकिन आखिर ऐसा होता क्यों है?

इसके पीछे दो कारण है -



a) पहले कारण के अनुसार जब भी कोई मधुमक्खी हमें डंक मारती है, तब उसके डंक से एक केमिकल रिलीज होता है जिसे melittin के नाम से जाना जाता है। मधुमक्खी के काटने से जैसे ही केमिकल हमारी शरीर में इंजेक्ट होता है तब यह हमारी बॉडी में पेन इंजेक्टर ( Pain Injector )को एक्टिवेट (activate ) कर देता है जिसकी वजह से हमारी बॉडी में बहुत ही दर्द और जलन होने लगता है। 

b) और बात अगर दूसरे कारण की की जाए तो मधुमक्खी का डंक कटीले तलवार की शेप का होता है और यह सुई से काफी ज्यादा पतला और नुकीला होता है।

यही वे 2 कारण है जिसकी वजह से मधुमक्खी का डंक सुई की अपेक्षा हमें बहुत ज्यादा दर्द और जलन महसूस कराता है।

3. आखिर हम बूढ़े क्यों होते हैं?

दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मेडिकल साइंस में इस प्रश्न का उत्तर अभी तक सही से ज्ञात नहीं हो पाया है। लेकिन एक थ्योरी जिसे अभी तक सबसे ज्यादा सटीक माना जाता है उसके अनुसार हमारा शरीर अरबों छोटे-छोटे सेल (cells) से मिलकर बना होता है और यह सेल (cell) अपने आप को विभाजित करते रहते हैं। यानी कि हर सेल समय के साथ अपने ही जैसे अन्य सेल में टूट जाता है। इन सेल में हमारे डीएनए भी उपस्थित होते हैं। 



जब यह सेल टूटते हैं तब हमारा डीएनए भी इन सेल में कॉपी होने लगता है। सेल के विभाजित होने के समय हमारा डीएनए ( DNA ) थोड़ा मोटा हो जाता है और इस संरचना को क्रोमोसोम ( choromosomes ) कहा जाता है। क्रोमोसोम के दोनों सिरों पर Telomere होता है। और यह हर बार cell के विभाजित होने पर कम होने लगता है। जिसके कारण हमारे cell पहले बने सेल की तुलना में कमजोर होने लगते हैं। और नए सेल बनने की क्षमता भी कम होने लगती है। जिसके चलते बढ़ती उम्र के साथ हमारे शरीर में young cells की मात्रा कम होती जाती हैं। जिसके कारण हमारे शरीर के देखने की क्षमता, सुनने की क्षमता, रोग प्रतिरोधक क्षमता आदि भी कम होने लगते हैं। जिसे हम अपनी भासा में बुढ़ा होना कहते हैं।



अत्थर ऊपर पत्थर, पत्थर ऊपर पइसा।
बिन पानी के महल बनावैं, यह कारीगर कैसा।।

उत्तर :- दिंयार-दीमक

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