ऐसा शहर जहां टिकट को खा सकते हैं और लंबी दूरी तय करने पर भी थकावट नहीं होती?

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1. ऐसा शहर जहां टिकट को खा सकते हैं और लंबी दूरी तय करने पर भी थकावट नहीं होती?

जब भी हम लंबी दूरी तय कर एक स्थान से दूसरे स्थान जाते हैं तब हमें थकान का अनुभव होता है और किसी किसी को तो ट्रैवल करने से बुखार हो जाता है। पर दोस्तों क्या आपको यह पता है कि बर्लिन एक ऐसा देश है जहां आप कितना भी लंबी दूरी तय कर लें आपको कभी थकान का अनुभव नहीं होगा। पर आखिर ऐसा क्यों?



बर्लिन में लगभग सारे ट्रैवलिंग एजेंसी द्वारा ऐसे टिकट दिए जाते हैं जिन्हें आप अपने ट्रैवल खत्म होने के बाद खा भी सकते हैं। अब आपको यह सोचकर थोड़ा अजीब तो जरूर लग रहा होगा पर यह सच है। दरअसल बर्लिन में टिकट्स को कुछ ऐसे नेचुरल प्रोडक्ट्स का यूज करके बनाया जाता है जिन्हें खाने के बाद इंसान के शरीर से थकावट दूर होने का अनुभव होता है और इंसान का दिमाग शांति और रिलैक्स फील करता है। 

यही वह कारण है जिसके चलते बर्लिन में कोई भी पैसेंजर लंबी दूरी तय करने के बाद भी थकान का अनुभव नहीं करता।

2. शाहजहां ने ताजमहल को सफेद रंग का क्यों बनवाया? 

ताजमहल भारत का सबसे बड़ा ऐसा स्मारक है जिसको इतनी बड़ी मात्रा में सफेद संगमरमर से बनाया गया है। जबकि बात अगर अन्य प्राचीन स्मारक की कि जाए तो उन्हें अधिकतर लाल रंग के पत्थरों से बनाया जाता था। तो सवाल यह उठता है कि जब उस समय लाल रंग के ही स्मारक बनाए जाते थे तो ताजमहल को सफेद रंग का क्यों बनाया गया। 



ताजमहल को सफेद बनाने के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं:-  

जन्नत का सिद्धांत 
शाहजहां ताजमहल को जन्नती आभास देना चाह रहे थे। वह चाहते थे कि जब भी कोई व्यक्ति ताजमहल को देखने आए तो उन्हें ऐसा लगना चाहिए कि वे जन्नत स्वर्ग में आ गए हैं। चूंकि सफेद रंग शांति के लिए जाना जाता है इसलिए शाहजहां ने ताजमहल को सफेद रंग का बनवाया।

मुमताज का पसंदीदा रंग 
इतिहास के दस्तावेजों के अनुसार यह साबित हो चुका है कि मुमताज को सफेद रंग काफी ज्यादा पसंद था जिसके कारण शाहजहां ने ताजमहल को सफेद संगमरमर का उपयोग करके बनवाना पड़ा।

ताजमहल निर्माण के कुछ समय पहले भारत के मकराना में संगमरमर की खोज की गई और इतिहास से यह बात स्पष्ट है कि यह सफेद संगमरमर उस समय का खोजा गया आधुनिक संगमरमर था और इस प्रकार के संगमरमर पर केमिकल रिएक्शन नहीं होता था। चूंकि यह सफेद संगमरमर उस समय का आधुनिक संगमरमर था इसलिए शाहजहां ने बिना पैसे की चिंता किए ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनवाया।

3. नई गाड़ियों की लाइट दिन में भी क्यों जलती है? 

आपने अक्सर देखा होगा कि नई गाड़ियों की लाइट दिन में भी जलती रहती है पर पहले ऐसा नहीं होता था। जब भी हम गाड़ियों की लाइट को दिन में जलते हुए देखते तो इशारे से गाड़ी मालिक को लाइट बंद करने के लिए कह देते। उस समय लाइट बंद या चालू करने का बटन बाइक में दिया रहता था पर अब यह बटन हटा दिया गया है, ऐसा क्यों? 



पहले BS-3 गाड़ियों में तकनीक को लेकर काफी खामियां थी और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद BS-3 की गाड़ियों को पूरी तरह बंद कर दिया गया और नई तकनीक से बनी बीएस-4 गाड़ियों में कई फीचर्स जोड़ दिया गया जिसमें गाड़ी की लाइट का बंद न होना भी शामिल है। ऐसा देश में बढ़ती हुई सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए किया गया है।

देश में लगातार सड़क दुर्घटना की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही थी जिसे ध्यान में रखते हुये देश में कई सारे कानून लागू किए गए है। कोहरे, धुंध और कम रोशनी में कई बार गाड़ी की लाइट बंद होने की वजह से हादसे होते थे और ऐसे में उन हादसों को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया।



एक बित्ता के टूरा, दु कौरा खाथे।
बोर्री ल मसके ले डहर ल बताथे।।

उत्तर :- टॉर्च

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