Amazing Facts :-
1. बिना सीमेंट के प्राचीन काल में इमारतें कैसे बनती थी?
वर्तमान समय में घर या इमारतें बनाने के लिए सीमेंट का उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि सीमेंट का आविष्कार साल 1824 में ब्रिटिश बिल्डर 'जोसेफ' के द्वारा किया गया। सीमेंट बनाने के लिए चुना पत्थर और मृत्तिका (क्ले) के मिश्रण को एक भट्टी में उच्च तापमान पर जलाया जाता है और उसके बाद किस क्रिया से बने खंगर को जिप्सम के साथ मिलाकर महीन पीसा जाता है, जिससे हमें सीमेंट की प्राप्ति होती है।
वही हम बात प्राचीन इमारत की करें जैसे ताजमहल, कुतुबमीनार, चारमीनार आदि प्राचीन इमारतों में पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए गुड़, बताशे, बेलगिरी पानी, उड़ददाल, दही, जुट, कंकड़ को आपस में मिलाकर उसे चूने के पानी में मिलाया जाता था। जिससे एक semi-solid मटेरियल तैयार होता था और इसी मटेरियल का इस्तेमाल करके पत्थरों को आपस में जोड़ा जाता था।
यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्राचीन काल में बना मटेरियल आधुनिक काल के सीमेंट की तुलना में कई गुना ज्यादा मजबूत था जिसे तोड़ पाना असंभव के बराबर होता था।
2. क्या हम अपने दिमाग का यूज़ करके एक बल्ब जला सकते हैं?
हम सबको तो पता ही है कि मानव मस्तिष्क शरीर का अत्यंत आवश्यक अंग है। मानव मस्तिष्क हमारी इच्छाओं, संवेगों, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, चेतना, ज्ञान, अनुभव, व्यक्तित्व इत्यादि का केंद्र भी होता है। मस्तिष्क के द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों के कार्यों का नियंत्रण एवं नियमन होता है। इसलिए मस्तिष्क को शरीर का मालिक अंग कहते हैं। इसका मुख्य कार्य ज्ञान, बुद्धि, तर्क शक्ति, स्मरण, विचार, निर्णय, व्यक्तितव आदि का नियंत्रण एवं नियमन करना है।
यह सब तो हुई मस्तिष्क से जुड़ी मुख्य बातें पर क्या आपको यह पता है कि हम अपने मस्तिष्क की सहायता से एक बल्ब भी जला सकते हैं। पूरे दिन जो हमारा शरीर एक्टिव रहता है तब पूरे ऑर्गन के साथ साथ हमारा दिमाग भी काम करता है और जब हम जगे होते हैं तब हमारा दिमाग 25 वॉट की बिजली जनरेटर करता है, जिसकी सहायता से हम एक छोटा बल्ब भी जला सकते हैं।
इसके साथ ही हमारा दिमाग सोते समय भी एक्टिव रहता है, इसी कारण से ही हम सपने देख पाते हैं। हमारे दिमाग की मेमोरी 4 TB तक होती है जो कि एक कंप्यूटर की तुलना में कई गुना अधिक है। हमारा दिमाग 40 वर्ष तक की उम्र तक विकसित होते रहता है और इसके साथ ही हमारे दिमाग का 60% हिस्सा वसा होती है।
3. Dish की छतरी गोल क्यों होती है?
आपने हमेशा इस चीज को नोटिस किया होगा कि हर क्षेत्र में dish का आकार गोल या फिर पैराबोला ही होता है। लेकिन छतरी को गोल बनाने के पीछे का कारण क्या है? हम जितने भी चैनल को इन छतरी की मदद से देखते हैं उन सभी के सिग्नल को एक सेटेलाइट के through एक narrow बीम में emmit किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि सिग्नल, स्पीड और बिना किसी रूकावट के साथ earth पर पहुंच सके।
जैसे ही बीम सिग्नल अर्थ पर पहुंचते हैं तो वह अर्थ में जाकर मेटल डिश से टकराते हैं। चूंकि डिश का आकार गोल होने के कारण सिग्नल को रिफ्लेक्ट करके LNB पर फोकस कर देती है। LNB पर ज्यादा स्ट्रांग और क्लियर सिग्नल पहुंचाने के लिए dish के आकार को गोल और अवतल रखा जाता है।
क्या होगा अगर डिश के आकार को square या फिर किसी और Shape में रखा जाए?
अगर डिश के आकार को square रखा जाए तब सिगनल्स का फैलाव काफी बड़े स्केल में होगा जिसकी वजह से टीवी चैनल झिलमिलाते हुए दिखाई देंगे या कभी भी हाई क्वालिटी में ब्रॉडकास्ट नहीं हो पाएंगे। तो finally आपको यह पता चल गया होगा कि डिश की छतरी को गोल और अवतल क्यों बनाया जाता है।
करिया गाय करौंदा खाय,
ढ़ीले बइला लंका जाय।।
उत्तर :- बंदूक
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