South actor हर मूवी में दाढ़ी क्यों रखते हैं?

Amazing Facts :-

1. South actor हर मूवी में दाढ़ी क्यों रखते हैं?

दोस्तों आपने भी यह कभी न कभी तो नोटिस जरूर किया होगा कि south मूवी के actor movie में दाढ़ी रखते हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्यों? आइए जानते हैं...

दरअसल दोस्तों south movie के actor और दाढ़ी का connection आज से कुछ सालों पहले का है। एक south के director ने एक interview में कहा था कि अगर कोई भी actor ज्यादा दाढ़ी के साथ screen पर काम करता है तो उसका कैरेक्टर और ज्यादा उभर कर दिखता है। इसके साथ ही दाढ़ी menly vibes को भी ज्यादा अच्छे से ऑडिएंस तक पहुँचा पाती है जिससे ऑडिएंस उस कैरेक्टर के एक्टिंग और action को ज्यादा अच्छे से देखते हैं।  सिर्फ acting और action को देखने की बात  नहीं ऑडिएंस ऐसे actor की acting भी ज्यादा रुचि से करते हैं। यही चीज हमे पुष्पा, RRR , KGF जैसे superhit movies में देखने को मिली थी। 



अब आप यह कह सकते है कि main character को ज्यादा impactfull दिखाने के लिए south की movies में dadhi का इस्तेमाल बहुत बड़े scale में किया जा रहा है।

2. फोन को टेबल के ऊपर हमेशा उल्टा क्यों रखना चाहिए?

आपने हमेशा देखा होगा कि कुछ लोग अपने फोन को हमेशा सीधा रखते हैं सीधा रखने का मतलब मोबाइल की स्क्रीन ऊपर की तरफ और कैमरा नीचे की तरफ और कुछ लोग मोबाइल को हमेशा उल्टा रखते हैं उल्टा रखने से तात्पर्य है कि मोबाइल का स्क्रीन नीचे की तरफ और कैमरा ऊपर की तरफ। लेकिन यहां जानने वाली बात यह है कि आखिर फोन को किसी भी सरफेस में रखने का सही तरीका क्या होता है?



 1) अभी हाल ही में किए गए एक रिसर्च से यह बात सामने आई है कि अगर आप अपने फोन की life को बढ़ाना चाहते हैं तो हमेशा फोन को उल्टा रखना चाहिए। फोन को उल्टा रखने से फोन में मौजूद वह सेंसर जो हमारे हाथ और movement को ट्रैक करते हैं वह constant हो जाते हैं और ऐसा सिर्फ इसलिए होता है कि फोन को उल्टे रखने की स्थिति में हमारे मोबाइल की स्क्रीन और सरफेस की बीच की दूरी बहुत ही कम हो जाती है। जिसके चलते वह अनावश्यक रूप से बैटरी के ऊपर दबाव नहीं डालते हैं और इसके चलते हमारे मोबाइल की बैटरी लाइफ बहुत ही लंबी हो जाती है।

2) इसके साथ ही एक दूसरा कारण यह है कि जब भी हम अपने मोबाइल को सरफेस में सीधा रखते हैं तो by chance अगर हमारे हाथ से कुछ भी चीज छूट कर गिरे तो वह चीज सीधे मोबाइल के स्क्रीन पर गिरकर मोबाइल के स्क्रीन को खराब कर सकती है।

3) तीसरा कारण यह भी है कि अगर हम मोबाइल को surface में सीधा रखते हैं तो किसी भी प्रकार से आने वाले नोटिफिकेशन को अगल-बगल बैठे व्यक्ति भी आसानी से पढ़ सकते हैं और यह भी एक कारण है कि अगर हम मोबाइल को अपने काम करते दौरान सीधा रखते हैं तो मोबाइल में आने वाले नोटिफिकेशन से हम distract हो सकते हैं।

इन सारी चीजों को देखते हुए बहुत से ऑर्गेनाइजेशन में यह कॉन्क्लूज़न निकाला है कि हमेशा हमें मोबाइल को सरफेस में उल्टा रखना चाहिए।

3. सुनने की क्षमता कैसे कम होती है?

सुनने की क्षमता से जुड़े कुछ रोचक तथ्य...वर्ल्ड हियरिंग डे 3 मार्च। डब्ल्यूएचओ के अनुसार दुनिया में 110 करोड़ लोगों की सुनने की क्षमता प्रभावित है। तेज आवाज के अलावा, दांतो की खराबी और धूम्रपान से भी सुनने की क्षमता कम होती है।

इंडियन जर्नल ऑफ़ ऑटोलॉजी के अनुसार देश में लगभग 6.3 करोड लोग सुनने संबंधी समस्याओं से पीड़ित है। और यह समस्या लगातार बढ़ते जा रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार लगभग 110 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके सुनने की क्षमता प्रभावित हो चुकी है। प्राकृतिक कारणों के अलावा लोगों की रोज की आदतों और व्यवहार भी इसके लिए बहुत ज्यादा जिम्मेदार है।

हार्वर्ड इंस्टिट्यूट के अनुसार यदि 100 डेसीबल से अधिक के वॉल्यूम में केवल 15 मिनट भी संगीत सुन लिया जाए तो यह सुनने की क्षमता को काफी हद तक नुकसान पहुंचा देती है। ऐसे ही धूम्रपान करने वालों में कम सुनाई देने की शिकायत 70% अधिक होती है। वेबएमडी के अनुसार निकोटीन सुनने की क्षमता के लिए जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर्स को प्रभावित करता है। इसके अलावा धूम्रपान करने वाले लोगों में टिनिटस यानी लगातार कान में घंटियां बजने जैसी शिकायत अधिक पाई जाती है।



आदतें जिससे सुनने की क्षमता घटती है...

1) तेज आवाज में रहना - सीडीसी के अनुसार लंबे समय तक शोर में रहने से कान के अंदरूनी हिस्सों में पाए जाने वाले बालों जैसी संरचना को अधिक काम करना पड़ता है, जिससे इनकी कोशिकाएं मरने लगते हैं।

2) खराब डेंटल हाइजीन - मुंह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर हृदय को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इससे भी सुनने की क्षमता कम होती है।

3) अधिक शराब पीना - नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अधिक मात्रा में शराब कानों के अंदरूनी हिस्सों में पाए जाने वाले कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। इसके अलावा या आवाजों में अंतर करने की क्षमता को भी घटाती है।

4) निष्क्रिय जीवनशैली - निष्क्रिय जीवनशैली से रक्त प्रवाह कम होता है, जिससे कोशिकाओं को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते है। कान और मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। जिससे सुनने की क्षमता कम होती है।

3 तरीके जो सुनने की क्षमता को दुरुस्त रखेंगे....

1) भोजन - नट्स, बीन्स और हरी सब्जियां भोजन में शामिल करें। भोजन में नट्स,बींस रसदार फल, हरी सब्जियां, अंडे, दालें और बीजों को जरूर शामिल करें। इनमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलेट और जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं। यह तत्व सुनने में सहायक नर्व व संवेदी कोशिकाओं को तेज शोर के दुष्प्रभाव से बचाते हैं। इसके अलावा कान के आंतरिक हिस्से के द्रव्य को संतुलित रखते हैं। रक्त संचार को बेहतर करने में सहायक होते हैं।

2) एक्सरसाइज - सिर और गर्दन से जुड़े यह दो अभ्यास करें।

● हेड रोटेशन - ठुड्डी को दाएं कंधे की तरफ ले जाएं। 20 सेकंड रुके। सिर को सेंटर पर लाएं। ऐसे ही बाईं ओर करें। 3 से 5 बार इस क्रिया को दोहराएं।

● नेक फ्लेक्शन एंड एक्सटेंशन - सिर को सेंटर पर रखते हुए ठोडी को छाती से लगाने का प्रयास करें। 20 सेकंड तक रुके। ऐसे ही सिर को ऊपर की तरह करते हुए आंखें आसमान की तरफ कर ले। 20 सेकंड तक रुके। सामान्य अवस्था में आ जाएं। दोनों क्रिया को 5 बार दोहराए।

3) साउंड फोकस टेक्निक - ध्वनियों को पहचानने में मदद करता है। यह तकनीक सुनने की क्षमता को दुरुस्त रखने का एक सटीक तरीका है। पसंद के दो साउंड जैसे कि एक रेडियो और दूसरा मोबाइल चुन ले। अब दोनों को कमरे के अलग-अलग कोनों पर रखकर उनकी आवाज को तेज (कानों के लिए निर्धारित सीमा 80 डेसीबल तक) कर दें। किसी साथी को आपके चेहरे के पास दो से चार लाइन पढ़ने के लिए कहें। आंख बंद करके एक-एक लाइन को दोहराए।



हरियर भाजी, साग में न भात में, खाय बर सुवाद में ।।
उत्तर:- पान

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